MGNREGA Wage Rate 2025 – मनरेगा के तहत मिलने वाला मेहनताना (राज्यवार)

MGNREGA Wage Rate: राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) के अंतर्गत केंद्र सरकार ग्रामीण नागरिकों को वर्ष में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने की गारंटी देती है। इस योजना का उद्देश्य देश के अकुशल ग्रामीण श्रमिकों को जीविकोपार्जन का साधन प्रदान करना है।

योजना के अंतर्गत काम करने वाले ग्रामीण मजदूरों को प्रतिदिन के आधार पर मेहनताना दिया जाता है, जिसे सरकार समय-समय पर संशोधित करती रहती है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 27 मार्च, 2025 को एक अधिसूचना जारी की गई, जिसमें MGNREGA के अंतर्गत अकुशल श्रमिकों की संशोधित मजदूरी दरों की घोषणा की गई है। ये नई दरें 1 अप्रैल, 2025 से लागू होंगी।

मनरेगा में मेहनताना कितना मिलता है?

जैसा की आपको हम पहले बता चुके है, मनरेगा योजना के माध्यम से हर राज्य में अलग-अलग मेहनताना की दरें तय की गई है। यहाँ नीचे उन सभी राज्यों की सूची है , यह मेहनताना 1 अप्रैल 2025 से प्रभाव में लागू है:

विशेष परिस्थितियों में, जैसे वन अधिकार अधिनियम (FRA) के अंतर्गत जंगलों में निवास करने वाली अनुसूचित जनजातियों को अतिरिक्त 50 दिनों का रोजगार दिया जाता है। इस प्रकार वे कुल 150 दिनों तक रोजगार का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

स्रोत – Wage rate notification for FY2025-26.

State-wise MGNREGA Wage Rate for Unskilled Manual Workers (FY 2025-26)

क्रम संख्याराज्य / केंद्र शासित प्रदेशमजदूरी दर (रु. प्रति दिन)
1आंध्र प्रदेश307.00
2अरुणाचल प्रदेश241.00
3असम256.00
4बिहार255.00
5छत्तीसगढ़261.00
6गोवा378.00
7गुजरात288.00
8हरियाणा400.00
9हिमाचल प्रदेश (ग़ैर-अनुसूचित क्षेत्र)247.00
9हिमाचल प्रदेश (अनुसूचित क्षेत्र)309.00
10जम्मू और कश्मीर272.00
11लद्दाख272.00
12झारखंड255.00
13कर्नाटक370.00
14केरल369.00
15मध्य प्रदेश261.00
16महाराष्ट्र312.00
17मणिपुर284.00
18मेघालय272.00
19मिज़ोरम281.00
20नागालैंड241.00
21ओडिशा273.00
22पंजाब346.00
23राजस्थान281.00
24सिक्किम259.00
24सिक्किम (गनाथांग, लाचुंग, लाचेन)389.00
25तमिलनाडु336.00
26तेलंगाना307.00
27त्रिपुरा256.00
28उत्तर प्रदेश252.00
29उत्तराखंड252.00
30पश्चिम बंगाल260.00
31अंडमान और निकोबार (अंडमान जिला)342.00
31अंडमान और निकोबार (निकोबार जिला)361.00
32दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव340.00
33लक्षद्वीप336.00
34पुदुच्चेरी336.00
प्रत्येक मजदूर को काम पूरा होने के 15 दिनों के भीतर मजदूरी मिलना अनिवार्य है, और यदि भुगतान में देरी होती है तो उन्हें मुआवजा दिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकृत प्रत्येक परिवार को 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाती है। यदि 15 दिनों के भीतर कार्य उपलब्ध नहीं कराया जाता, तो ऐसे परिवार को बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है। यह भत्ता पहले 30 दिनों तक निर्धारित मजदूरी का एक-चौथाई तथा उसके बाद आधी मजदूरी के बराबर प्रदान किया जाता है।

नरेगा में मेट का मेहनताना / मजदूरी कितना है?

नरेगा (MGNREGA) में मेट (Mate) कार्यस्थल पर मजदूरों की निगरानी करने वाला एक सुपरवाइज़र होता है। उसकी प्रमुख जिम्मेदारियाँ इस प्रकार हैं:

  • मजदूरों की उपस्थिति दर्ज करना।
  • कार्य की प्रगति पर नज़र रखना और गुणवत्ता सुनिश्चित करना।
  • कार्यस्थल पर सामग्री व उपकरणों का प्रबंधन करना।
  • मजदूरों को काम आवंटित करना और दैनिक रिपोर्ट तैयार करना।

मेट प्रायः स्थानीय समुदाय से चुना जाता है। उसे अकुशल श्रमिकों की तुलना में अधिक मजदूरी दी जाती है, जो राज्य के अनुसार 10% से 20% तक अधिक हो सकती है। सटीक दरें संबंधित राज्य के नरेगा नियमों और दिशानिर्देशों पर निर्भर करती हैं।

सभी भुगतान सीधे बैंक या डाकघर खातों में किए जाते हैं, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है और मजदूरों को उनकी मजदूरी समय पर प्राप्त होती है।

मजदूरी निर्धारण का आधार

MGNREGA के तहत मजदूरी दरें उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-AL) पर आधारित होती हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई की दर को दर्शाता है। केंद्रीय सरकार हर वर्ष इन मजदूरी दरों में संशोधन करती है, जबकि कुछ राज्य इसके अतिरिक्त अतिरिक्त भत्ते (टॉप-अप) भी प्रदान करते हैं।

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